Sunday, July 18, 2021

When my own words abandon me , poetry comes to rescue

दर्द से मेरा दामन भर दे या अल्लाह
फिर चाहे दीवाना कर दे या अल्लाह

मैनें तुझसे चाँद सितारे कब माँगे
रौशन दिल, बेदार नज़र दे या अल्लाह

सूरज सी इक चीज़ तो हम सब देख चुके
सचमुच की अब कोई सहर दे या अल्लाह

या धरती के ज़ख़्मों पर मरहम रख दे
या मेरा दिल पत्थर कर दे या अल्लाह

-क़तील शिफ़ाई

A summer evening, music, beautiful weather, food and friends who share the same passion. It was everything one can ask for. I took out this beautiful light silk. 


Jagjit Singh’s magic

https://www.youtube.com/watch?v=p5jVwdwp0uI
an Uppada for a musical get togther on a cool evening .





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